रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि देश में विकसित कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण कर लिया गया है और एक वैक्सीन उनकी बेटी को पहले ही लगाया जा चुका है। पुतिन ने मंगलवार को कहा कि वैक्सीन परीक्षण में खरा उतरा है और यह परीक्षण के आवश्यक चरणों से गुजरा है। उनकी दो बेटियों में से एक को वैक्सीन दिया गया है और वह अच्छा महसूस कर रही है। स्पूतनिक न्यूज के अनुसार पुतिन ने एक सरकारी बैठक में कहा कि वैक्सीन को स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।
अधिकारियों के अनुसार वैक्सीन सबसे पहले चिकित्सा कर्मियों, शिक्षकों, शिक्षकों और जोखिम की जड़ वाले समूहों से जुड़े लोगों को लगाया जाएगा। वैसे दुनिया के अनेक वैज्ञानिक इस कदम को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं और तीसरे चरण के परीक्षण से पहले वैक्सीन का पंजीकरण करने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। तीसरे चरण का परीक्षण आमतौर पर हजारों लोगों पर महीनों तक चलता है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि करोना वायरस के खिलाफ पहले वैक्सीन का उत्पादन दो स्थानों --गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और बिनोफार्म कंपनी में शुरू होगा। कई देश पहले ही इस वैक्सीन को लेकर अपनी रुचि दिखा चुके हैं।
ब्रिटेन नहीं देगा अपने नागरिकों को रूसी वैक्सीन
रूस ने जहां वैक्सीन लॉन्च कर दी है वहीं अभी कहीं देश कोरोना टिकों का ट्रायल कर रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, जापान, चीन और भारत समेत कई देशों में वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं। पांच वैक्सीन ट्रायल की आखिरी स्टेज में पहुंच चुके हैं। यूके ने साफ कहा कि वह अपने नागरिकों को रूसी वैक्सीन की डोज़ नहीं देगा। पश्चिम देशों और डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है कि बिना पर्याप्त डाटा के रूस की वैक्सीन सप्लाई करना ठीक नहीं होगा।
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